गति प्रबल पैरो में भरी ,
फिर क्यों रहूँ दर-दर खड़ा .
जब आज मेरे सामने -
है -रास्ता इतना पड़ा .
जब तक न मंजिल पा सकूँ ,
तब तक मुझे न विराम हैं .
फिर क्यों रहूँ दर-दर खड़ा .
जब आज मेरे सामने -
है -रास्ता इतना पड़ा .
जब तक न मंजिल पा सकूँ ,
तब तक मुझे न विराम हैं .
चलना हमारा काम है ,
रही हमारा नाम हैं .
इस विशद विश्व-प्रहार में ,
किसको नहीं बहना पड़ा
सुख -सुख हमारी ही तरह ,
किसको नहीं सहना पड़ा ,
फिर व्यर्थ क्यों कहता फिरूँ
मुझ पर विधाता वाम हैं
गति प्रबल पैरो में भरी ,
फिर क्यों रहूँ दर-दर खड़ा .
जब आज मेरे सामने -
है -रास्ता इतना पड़ा .
जब तक न मंजिल पा सकूँ ,
तब तक मुझे न विराम हैं .
फिर क्यों रहूँ दर-दर खड़ा .
जब आज मेरे सामने -
है -रास्ता इतना पड़ा .
जब तक न मंजिल पा सकूँ ,
तब तक मुझे न विराम हैं .
चलना हमारा काम है ,
रही हमारा नाम हैं .
इस विशद विश्व-प्रहार में ,
किसको नहीं बहना पड़ा
सुख -सुख हमारी ही तरह ,
किसको नहीं सहना पड़ा ,
फिर व्यर्थ क्यों कहता फिरूँ
मुझ पर विधाता वाम हैं
गति प्रबल पैरो में भरी ,
फिर क्यों रहूँ दर-दर खड़ा .
जब आज मेरे सामने -
है -रास्ता इतना पड़ा .
जब तक न मंजिल पा सकूँ ,
तब तक मुझे न विराम हैं .
फिर क्यों रहूँ दर-दर खड़ा .
जब आज मेरे सामने -
है -रास्ता इतना पड़ा .
जब तक न मंजिल पा सकूँ ,
तब तक मुझे न विराम हैं .
चलना हमारा काम है ,
रही हमारा नाम हैं .
इस विशद विश्व-प्रहार में ,
किसको नहीं बहना पड़ा
सुख -सुख हमारी ही तरह ,
किसको नहीं सहना पड़ा ,
फिर व्यर्थ क्यों कहता फिरूँ
मुझ पर विधाता वाम हैं
चलना हमारा काम हैं ,
राही हमारा नाम हैं \\
मैं पूर्णता की खोज में ,
दर -दर भटकता ही रहा \
पर क्यों निराला है मुझे ,
जीवन इसी का नाम हैं \
राही हमारा नाम हैं ,
चलना हमारा नाम हैं ,चलना हमारा काम हैं \\
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