गुरुवार, 17 मार्च 2011

सफ़लता : a poem by my Student - Kusum

जीवन है एक चुनौती ,इसे स्वीकार कीजिये  .
संघर्ष कठिनाइयों से लड़ते हुए ,हर पल कोशिश बार -बार कीजिये .
मत बैठिये असफलता से हारकर ,जीतने के लिए प्रयास कीजिये .
धैर्य में छिपी होती है सफ़लता ,पाने के लिए इंतजार कीजिये .
सच्ची लगन और मेहनत के बल पर ,हर मुश्किलों को पार कीजिये
आगे बढ़ो ,सबसे आगे बढ़ो वक्तव्य से अपने लक्ष्य को साकार कीजिये .
जीवन है एक चुनौती ,इसे स्वीकार कीजिये .

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