Dharmendra Gangwar
केंद्रीय विद्यालय में हिंदी शिक्षक
गुरुवार, 24 फ़रवरी 2011
ममता
बचपन की प्यारी स्मृतियाँ आंखें नम कर जाती हैं,
गलती कर पहलू में तेरे छिपना याद दिलाती हैं,
उन खट्टी मीठी यादों की कथा सुनाने आ जाओ,
ममता के आँचल में फिर से मुझे सुलाने आ जाओ.
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