कौन हूँ मै
क्या है मेरा वजूद
बस मैं एक लड़की हूँ
और रीति रिवाज़ मेरा ताबूत
क्या घर की चारदीवारी में
क्या है मेरा वजूद
बस मैं एक लड़की हूँ
और रीति रिवाज़ मेरा ताबूत
क्या घर की चारदीवारी में
रहना है बस मेरा नसीब
या खोल पंख सपनों के
उड़ जाऊं और पाऊँ सुकून
कैसे बताऊँ अपने अरमान
कैसे दिखाऊँ अपने ज़ज्बात
कितना भी कुछ करके दिखाएं
हमारा मूल्य हमेशा रहता शून्य.
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